Wednesday, 2 August 2017

मध्य प्रदेश के जज साहब की हिम्मत को हमारा सलाम ..........!!!!!

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



जनहित में निवेदन ........

अभी जस्टिस करनन के बारे में देश के लोग भूले नहीं  थे कि -- एक और जज को मजबूर होकर न्याय के लिए हाई कोर्ट के बाहर धरने पर बैठना पड़ा .......
क्या आपने कभी ये कोशिश करी कि -- आखिर इस देश की न्यायपालिका पर इतनी उँगलियाँ क्यों उठ रही हैं... .......???
दरअसल अब न्यायपालिका के फर्जीवाडे हदें पार कर रहे हैं । इन तानाशाही जजों को लगा कि जस्टिस करनन को जेल भेजकर मामला शांत हो जायेगा , दूसरे जज डर जायेंगे । लेकिन , करनन साहब की आवाज कुचलने से विद्रोह और बढ़ गया ।  ये जज साहब भी अन्याय के खिलाफ अपनी मांग को लेकर हाई कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ गए हैं , इनकी हिम्मत और सोच को हमारा सलाम ........!!!
लीक से हटकर कोई भी काम करना मजाक नहीं है , ये वही ईन्सान कर सकता है, जोकि मजबूत सोच और इरादे वाला हो ।  उनके सभी साथी जज डर के मारे साथ छोड़ गए होंगे, सबने इनको यही कहा होगा कि -- क्यों बड़े लोगों से पंगे ले रहे हो .....???   ये इनकी सोच और संस्कार ही हैं कि ईन्होंने अन्याय सहने की बजाय , उसके खिलाफ बुलंद की जोकि भृष्ट और तानाशाह न्यायपालिका को पसंद नहीं आई । क्योंकि इन्होंने जनता के सामने इन जजों की पोल खोल दी ।
इन जजों की तानाशाही सोच के चलते लाखों कोर्ट कर्मचारी गुलामी से भी ख़राब जिंदगी जी रहे हैं , भोगी राम को देख लो, हरमीत टिंकू को देख लो ,  और इन जैसे लाखों भाई न्यायपालिका की तानाशाही सोच के शिकार बने।  कई चपरासी तो जजों की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या भी कर गए ।  कहने को न्याय के मंदिर में नौकरी कर रहे हैं , और जिंदगी गुलामी से भी बुरी । उन गरीबों की आवाज़ को कुचल दिया ।
अबकी  बारी जज साहब खुद हैं , इन जैसे विरले ही होते हैं , हमें इनकी हिम्मत का हर सम्भव सहयोग और समर्थन करना है , ताकि न्यायपालिका के और फर्जीवाडे दुनिया के सामने आ सकें ।



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