Thursday, 8 June 2017

देश में महिलाओं के लिए बनाये गए कानूनो का दुरूपयोग क्यों ............???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आदरणीय देशवासिओं ,
आप कि अन्तरात्मा को झझकोरने के लिए हम कुछ गहरी जानकारी दे रहे है . हमें विशवास है शायद हम लोगो को समझा पाने में सफल होंगे. क्या आपने गौर किया कि -- इस समय देश में जरूरतमंद महिलाओ के लिए बनाये गए कानून ( दहेज़ प्रताड़ना, दहेज़ हत्या, घरेलु हिंसा, बलात्कार , छेड़छाड़ी, गुजारा भत्ता ) का खतरनाक स्तर पर दुरूपयोग क्यों................???
हमारे पूर्वजो कि अपेक्षा हमारे पास सुख - सुविधाएँ , पैसा , शिक्षा , मकान, गाड़ी बढे और इसके साथ-2 हमारे स्वार्थ , लालच और बेशर्मी . फिर भी परिवार टूट रहे ,............ खुशियां घटी.
हर गली, मोहल्ल्ले, गाव में धड़ाधड़ झूठे मुक़दमे दर्ज ..............!!! इसकी कुछ ख़ास वजहें है .
आइये.....!!! जाने समाज के हर वर्ग , जाती, धर्म ( ख़ास तौर पर जो थोड़े संपन्न हैं ) के लोगो में आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ..................???
1) इन कानूनो के दुरूपयोग पर सजा ना होना ,
2) हमारे द्वारा पैसे देकर समझौता करने कि प्रवृति
3) अन्याय , अत्याचार और अपने दर्द को दिखाने के लिए कोई कोशिश ना करना ,
4) कानून सुधारो के लिए आवाज ना उठाना
5) अन्याय , अत्याचार को सहन करते जाना
6) सच के लिए संघर्ष करने कि बजाय गुजारा भत्ता दे देना
7) झूठे केस को लड़ने कि कोई कोशिश ना करना
8) सच व् जमीनी हकीकत को जानते हुए भी नकारना
9) कोर्ट में वकीलों, पुलिस का डरने का रवैया
10) जज के द्वारा सच जानकर भी आतंकियों जैसा व्यवहार
11) कोर्ट में जज, वकील, पुलिस के द्वारा झूठे केस को बढ़ावा देने कि आदत
12) सामाजिक, आर्थिक व् मानसिक शोषण करवाने कि मानसिक गुलामी कि आदत
13) समाज में औरत के ड्रामे को जरुरत से ज्यादा समर्थन,
14) समाज में पुरुष के दुःख --दर्द का मजाक उड़ाना
15) सामाजिक सरपंच ,प्रधान व् अन्य रिश्तेदारो के द्वारा अवैध वसूली को बढ़ावा
16) सामाजिक स्तर पर आपसी सहयोग , संस्कारो कि कमी , नैतिक मूल्यों कि गिरावट
17) अौरतों कि मुफतखोरी कि आदत को बढ़ावा
18) टीवी, मीडिया द्वारा अश्लीलता परोसकर सेक्स व् अंग प्रदर्शन को बढ़ावा
19) लड़की के माँ-बाप कि मुफत के पैसे प्रॉपर्टी का लालच
20) सामाजिक स्तर पर ऐसे लोगो का बहिष्कार ना करना
21) पुरुष के दर्द, समस्याओ कि क़ानूनी, सामाजिक , पारिवारिक, रिश्तेदारो , दोस्तों के स्तर पर अनदेखी
22) औरतों के लिए आज़ादी को ना पचा पाना
23) कानूनो के खतरनाक प्रावधानों कि लोगो के द्वारा अनदेखी तथा विरोध ना करना
24) कानून दुरूपयोग के शिकार लोगो के द्वारा भी कानून सुधारो के लिए प्रयास ना करना
25) झूठे केस से लड़ने कि बजाय आत्महत्या करने को आसान समझना
26) लोगो द्वारा फ्रॉड बहुओ/ औरतों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज करने के लिए कोशिश ना करना
27 ) सिर्फ अपना केस निकालने कि सोच व् प्रवृति
28) हमारे बुजुर्गो के द्वारा गलत कानून लागु किये जाने के वक्त कोई विरोध ना करना
29 ) सिर्फ वकीलों के सिखाये आरोपों के आधार पर केस दर्ज, और गिरफ़्तारी
30) औरतो को सिर्फ आरोप लगाने , आप दोषी हो गए और अब साबित करने की जिम्मेदारी आपकी
31 ) आरोप ऐसे की कोई अपना खून भी दे दे तो भी निर्दोष साबित नहीं कर सकता
और कोई बिंदु हो तो आप जोड़ सकते हैं ...........
और ख़ास बात ये कि इनमे से अधिकतर कारण काबू करके हालात बदले जा सकते हैं , निर्दोष लोगो को मरने और प्रताड़ना से बचाया जा सकता है ...........!!!
आखिर कब तक आप घुट-2 कर मरते रहेंगे ..................??? कब तक इस सामाजिक तानेबाने को बिखरता हुआ देखते रहेंगे ................??? कितने हज़ार वोल्ट का करंट लगाने पर आप घरो से निकलेंगे ...............??? क्या दो-- चार और उलटे सीधे कानून बनवाने कि इच्छा है ..............??? आप कि अन्तरात्मा जिन्दा भी है ............कि मर चुकी है.................???
आप के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है
भवदीय
Manojj Kr. Vishwakarma... न्याय--- पुरुष
Social Activist, RTI Activist & Scientist
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