Friday, 9 June 2017

जान का खतरा तो बढ़ा, लेकिन लोगों को हमारी दूरदृष्टि और काबिलियत का एहसास हुआ ...........

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

मेरे अनुभव ......

आदरणीय देशवासियों ,
जब से हमारा नाम जाट आरक्षण को रोकने वाले केस में सार्वजनिक हुआ है, तो उससे जान का खतरा तो बढ़ा , इसलिए, मुझे सिक्यूरिटी लेनी पड़ी ।   जब से हमनें सुरक्षा ली है, जानकर परिचित सब पूछने लगे कि -- सुरक्षा क्यों लेनी पड़ी.....???   जब कारण जाना तब उनको सच्चाई का एहसास हुआ ।  क्योंकि हम जमीन से जुड़े हुए हैं , चाहे अन्ना जी का आन्दोलन हो, या भरष्टाचार के खिलाफ लड़ाई हो ।  उसके आलावा भी हम पीड़ित लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। लोगों के अटके काम भी हुए हैं ।  इसलिये , सब लोग हमें प्यार और सम्मान देते है , ( केवल भृष्ट जज, और दूसरे चोर,  फर्जी काम करने वाले लोगों को छोड़ कर .......) लेकिन , पिछले कुछ दिनों में हमें एक चीज का अनुभव हुआ है वो ये  है कि --  अब लोगों को ये एहसास हो गया है कि मनोज ने कितना खतरनाक, बड़ा  और एतिहासिक काम कर दिया .......???  जिंदगी में  ऐसे मौके ऊपर वाला किसी विरले को ही देता है ।

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