आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
Certified Copy of Declaration saying that -- No such Medical Evidence, Present in case file of Original case file and that of Rajneesh Bansal's order file .
आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
नारनौल के अतिरिक्त सेशन जज रजनीश बंसल का फर्जीवाड़ा ...............
क्योकि हम भ्र्ष्टाचार के खलाफ काम कर रहे हैं, तो चोर और भृष्ट लोगों को तकलीफ तो होनी ही थी. रेवाड़ी के सरकारी हॉस्टिपल में एक कैंटीन है, जोकि एक विकलांग फौजी के नाम से आवंटित है और उसका किराया केवल एक रुपया महीने है. लेकिन उस पर कब्ज़ा, रेवाड़ी के एक पत्रकार रवि यादव ने अवैध तरीके से कर रखा था.
ऐसे ही सिविल हॉस्पिटल के तत्कालीन भृष्ट सिविल सर्जन डॉक्टर हरी राम यादव के सबूत भी मेरे पास थे .
रेवाड़ी की एक भृष्ट और बेहद चालक और ड्रामेबाज औरत जोकि प्रोटेक्शन अफसर टी नीलम शर्मा वो निर्दोष लोगों को जेल भेजने का डर दिखाकर, घर बसने के नाम पर जमकर अवैध वसूली करती थी .
एक और व्यक्ति थे सतीश मस्तान जिसने रेडक्रॉस रेवाड़ी को लगभग 18 लाख का चुना लगाया .
हमने इनकी शिकायत कर रखी थी. मैंने इन सब लोगों के सबूत पकड़ लिए, और समझौता नहीं किया, ........ तो इन्होंने, मुझे प्रतड़ित करने और दबाब बनाने की नियत से मेरे केस में भृष्ट तरीके से, मेरे ससुर किशोरी लाल से मिलकर, पचास हज़ार उसको दिए और बाकि एक लाख रजनीश बंसल जज को दिया ताकि केस में मेरी माता जी का नाम जोड़ा जा सके .
इस भृष्ट जज रजनीश बंसल ने , अपने आर्डर के पेज नंबर 6 , पर आर्डर में लिखा कि -- गिरनी देवी के खिलाफ मेडिकल सबूत उपलब्ध है, इसलिए इनका नाम केस में जोड़कर ट्रायल, शुरू किया जाये .
जबकि सबूत साफ़ बोल रहे हैं कि -- केस फाइल में कहीं भी मेडिकल एविडेंस है ही नहीं. ........... अगर थे तो कहाँ गए ..................??? भृष्ट जज रजनीश बंसल ने ऐसा झूठा दावा किया है.
क्या ये काम बिना रिश्वत के हो सकता है. ......................???
नारनौल के अतिरिक्त सेशन जज रजनीश बंसल का फर्जीवाड़ा ...............
क्योकि हम भ्र्ष्टाचार के खलाफ काम कर रहे हैं, तो चोर और भृष्ट लोगों को तकलीफ तो होनी ही थी. रेवाड़ी के सरकारी हॉस्टिपल में एक कैंटीन है, जोकि एक विकलांग फौजी के नाम से आवंटित है और उसका किराया केवल एक रुपया महीने है. लेकिन उस पर कब्ज़ा, रेवाड़ी के एक पत्रकार रवि यादव ने अवैध तरीके से कर रखा था.
ऐसे ही सिविल हॉस्पिटल के तत्कालीन भृष्ट सिविल सर्जन डॉक्टर हरी राम यादव के सबूत भी मेरे पास थे .
रेवाड़ी की एक भृष्ट और बेहद चालक और ड्रामेबाज औरत जोकि प्रोटेक्शन अफसर टी नीलम शर्मा वो निर्दोष लोगों को जेल भेजने का डर दिखाकर, घर बसने के नाम पर जमकर अवैध वसूली करती थी .
एक और व्यक्ति थे सतीश मस्तान जिसने रेडक्रॉस रेवाड़ी को लगभग 18 लाख का चुना लगाया .
हमने इनकी शिकायत कर रखी थी. मैंने इन सब लोगों के सबूत पकड़ लिए, और समझौता नहीं किया, ........ तो इन्होंने, मुझे प्रतड़ित करने और दबाब बनाने की नियत से मेरे केस में भृष्ट तरीके से, मेरे ससुर किशोरी लाल से मिलकर, पचास हज़ार उसको दिए और बाकि एक लाख रजनीश बंसल जज को दिया ताकि केस में मेरी माता जी का नाम जोड़ा जा सके .
इस भृष्ट जज रजनीश बंसल ने , अपने आर्डर के पेज नंबर 6 , पर आर्डर में लिखा कि -- गिरनी देवी के खिलाफ मेडिकल सबूत उपलब्ध है, इसलिए इनका नाम केस में जोड़कर ट्रायल, शुरू किया जाये .
जबकि सबूत साफ़ बोल रहे हैं कि -- केस फाइल में कहीं भी मेडिकल एविडेंस है ही नहीं. ........... अगर थे तो कहाँ गए ..................??? भृष्ट जज रजनीश बंसल ने ऐसा झूठा दावा किया है.
क्या ये काम बिना रिश्वत के हो सकता है. ......................???
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