आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
जो भी लोग जजों के भ्र्ष्टाचार, आतंक, शोषण, प्रताड़ना, बेईमानी, मूर्खता के शिकार हुए हैं, कृपया वे अपनी कहानी सबूतों के साथ हमें भेजें.
इसके दो कारण हैं --
हिंदुस्तान की न्यायपालिका के भृष्ट, बेवकूफ, बेईमान जजों के द्वारा की जा रही प्रताड़ना और शोषण की पोल खोलने के लिए , जल्द ही हम एक पुस्तक लिख रहे हैं. जिसमे हम न्यायपालिका के शिकार लोगों के साथ हुई ज्यादती की जानकारी, आम जनता तक पहुंचाएंगे . जजों के भ्र्ष्टाचार के शिकार लोगों की दर्द भरी दास्ताँ सङ्कर, आप लोगों की नींद हराम हो जाएगी, क्योकि इन भृष्ट जजों ने अपने फर्जीवाड़े छुपाने के लिए , मीडिया को भी डराकर रखा, कि -- उनके खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट एक्ट का केस बना दिया जायेगा. जबकि सच्चाई ये है कि -- इस देश में कानूनी पत्रकारिता के जानकर पत्रकार, मुश्किल से उँगलियों पर गिनने लायक हैं, इसी वजह से कोर्ट कि कार्यवाही का प्रसारण नहीं हो पाता . जो भी लोग जजों के भ्र्ष्टाचार, आतंक, शोषण, प्रताड़ना, बेईमानी, मूर्खता के शिकार हुए हैं, कृपया वे अपनी कहानी सबूतों के साथ हमें भेजें.
इसके दो कारण हैं --
-- जजों के फर्जीवाड़े कि सच्चाई सामने लेकर इनको जिम्मेदारी से काम करने के लिए मजबूर करना और भृष्ट / नाकाबिल, बेईमान जजों को बाहर का रास्ता दिखाना .
-- जजों कि जबाबदेही कानून बनवाना . क्योकि केंद्र सरकार ये कानून , बनाना चाहती है, और ये सब संभव करने के लिए, सरकार को जजों कि मूर्खता, बेईमानी, बेवकूफी, प्रताड़ना, शोषण और भ्र्ष्टाचार के सबूत चाहिए. और ये सबूत पीड़ित लोग ही दे सकते हैं.
जो भी लोग जजों के भ्र्ष्टाचार, आतंक, शोषण, प्रताड़ना, बेईमानी, मूर्खता के शिकार हुए हैं, कृपया वे अपनी कहानी सबूतों के साथ हमें भेजें.
इसके दो कारण हैं --
हिंदुस्तान की न्यायपालिका के भृष्ट, बेवकूफ, बेईमान जजों के द्वारा की जा रही प्रताड़ना और शोषण की पोल खोलने के लिए , जल्द ही हम एक पुस्तक लिख रहे हैं. जिसमे हम न्यायपालिका के शिकार लोगों के साथ हुई ज्यादती की जानकारी, आम जनता तक पहुंचाएंगे . जजों के भ्र्ष्टाचार के शिकार लोगों की दर्द भरी दास्ताँ सङ्कर, आप लोगों की नींद हराम हो जाएगी, क्योकि इन भृष्ट जजों ने अपने फर्जीवाड़े छुपाने के लिए , मीडिया को भी डराकर रखा, कि -- उनके खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट एक्ट का केस बना दिया जायेगा. जबकि सच्चाई ये है कि -- इस देश में कानूनी पत्रकारिता के जानकर पत्रकार, मुश्किल से उँगलियों पर गिनने लायक हैं, इसी वजह से कोर्ट कि कार्यवाही का प्रसारण नहीं हो पाता . जो भी लोग जजों के भ्र्ष्टाचार, आतंक, शोषण, प्रताड़ना, बेईमानी, मूर्खता के शिकार हुए हैं, कृपया वे अपनी कहानी सबूतों के साथ हमें भेजें.
इसके दो कारण हैं --
-- जजों के फर्जीवाड़े कि सच्चाई सामने लेकर इनको जिम्मेदारी से काम करने के लिए मजबूर करना और भृष्ट / नाकाबिल, बेईमान जजों को बाहर का रास्ता दिखाना .
-- जजों कि जबाबदेही कानून बनवाना . क्योकि केंद्र सरकार ये कानून , बनाना चाहती है, और ये सब संभव करने के लिए, सरकार को जजों कि मूर्खता, बेईमानी, बेवकूफी, प्रताड़ना, शोषण और भ्र्ष्टाचार के सबूत चाहिए. और ये सबूत पीड़ित लोग ही दे सकते हैं.
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