Saturday, 19 March 2016

जब हमें ये मालूम है कि मरने के बाद हमारा क्या होना है .........???, क्या साथ जाना है ........... ??? फिर भी .........

जब हमें ये मालूम है कि मरने के बाद हमारा क्या होना है .........???, क्या साथ जाना है ........... ??? फिर भी ............
पिछले कई दिनों में हम इस चिंता में हैं कि आखिर हम इस देश की हर तरफ , कदम2 पर हो रही बर्बादी , को रोककर देश के हालातों को बदलकर , लोगों की जिंदगी बेहतर कैसे बनाएँ ......???
चारों तरफ स्वार्थ, लालच, घटियापन , एक दूसरे को नीचा दिखाना , आखिर कहाँ जा रहे हैं हम , और ये सब किसलिए और क्यों कर रहे है हम ......???
एक कड़वी सच्चाई पेश कर रहे हैं , निवेदन है इस पर गौर जरूर करना ............
जब हमारे किसी परिवार के सदस्य या किसी नजदीकी परिचित या किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो जाती है , तब सब ये कहते हैं कि जल्दी से उठाओ , जल्दी करो ( उठाओ मतलब फटाफट दफ़नाने की तैयारी करो ) और जब शमशान घाट में दफनाते है तो लगभग आधे घंटे के बाद ही चलो , चलो ......!!! कहने लगते है ......!!!
हमारे कहने का अभिप्राय है कि आपकी या हमारी जिंदगी का यही सच है । और हम एक दूसरे की जान लेने को तैयार रहते है ....???
आखिर ये सब घटियापन किसलिए ....???
हम अच्छे काम को आगे बढ़ाने के लिये , अपना सहयोग / योगदान करने में इतनी कंजूसी क्यों करते है ....??? जब हमें ये मालूम है कि मरने के बाद हमारा क्या होना है , क्या साथ जाना है ...???

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