अभी हरियाणा में जाटों ने जिस
प्रकार से न केवल सार्वजानिक संपत्ति , बल्कि स्कूल, दुकान, घरों तक को
जलाया, । इस से लोगों का बेहद खतरनाक तरीके से नुकसान किया गया। इसके कारण न
केवल हरियाणा , बल्कि पूरे देश में जाटों ने अपनी असली औकात और सोच दिखा
ही दी। अब दिखावे के लिए भाईचारे का ड्रामा कर रहे हैं । अभी सरकार को फिर
धमकी दी है कि जाटों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे रद्द करो, नहीं तो इस बार न
केवल शहरों , बल्कि गाँवों में भी वही घटनाएं दोहराई जाएँगी
। ये तो गुंडागर्दी की हद हो गई, भाइयों....... मतलब कोई अगर रजनीतिक और
आर्थिक रूप से ताकतवर हो गया, तो उसको कुछ भी करने की छूट........!!!
न्यायपालिका भी बड़ी2 बातें करती है, क्या इन लोगों के खिलाफ देशद्रोह का केस नहीं बनता ..........!!! और बनता है तो, देश के जजों की आँखें बंद क्यों है .........???
वैसे तो सेना की नियत पर सवाल उठाने के कम ही मौके आये है । दलबीर सिहाग जोकि थल सेना अध्यक्ष है और जाट भी है। अभी मुझे पता चला की उसने जाटों को बचाने के लिए, जानबूझकर जाट रेजिमेंट को भेजा, उन्होंने सख्त कार्यवाही की ही नहीं......!!! वो तो गोरखा रेजिमेंट के जवान भाइयों ने हिम्मत दिखाई थी।
अब मुद्दे की बात ये है कि ---हमारे देश में ऐसे कानून बनाने की जरुरत है कि किसी भी प्रकार के आन्दोलन, जलसा, जलूस , भीड़ के द्वारा किसी भी व्यक्तिगत या सार्वजनिक संपत्ति ( जिसमे स्कूल, कॉलेज, दुकान, घर, थाने या कोई और संपत्ति )का नुकसान करने पर , उसके नुकसान की भरपाई उसके मुखिया, / अगुआई करने वाले, लोगों या संस्थाओं से की जायेगी । दूसरा ये अपराध गैर जमानती होगा । हरियाणा में ये कानून हॉस्पिटल में तोडफोड़ रोकने के लिए बनाया गया था। अब ऐसा कानून पूरे देश के लिए बनाना जरूरी हो गया है। ये इसलिए, जरूरी हो गया है, क्योंकि इसकी कीमत शरीफ लोग टैक्स भरकर चुकाते हैं । ये लोगों के खून पसीने की कमाई का पैसा है । इस पैसे को बर्बाद होने से बचाकर, कितने बच्चों को पढ़ाया जा सकता था..........???, कितने भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता था ........???
इस कानून के बनने से , कोई भी समूह, व्यक्ति, संगठन, गुंडागर्दी करते हुए, तोड़फोड़ करने से पहले चार बार सोचेगा ............???
देश के लोगों की खून पसीने की कमाई बर्बाद होने से बचेगी और ये पैसा देश के निर्माण में सदुपयोग हो सकेगा ......!!! वैसे ही इस देश में अनेकों गंभीर समस्याओं की भरमार है। और हम इस बर्बादी को सहन नहीं कर सकते......!!!
अगर आपको हमारे विचार में दम लगे , तो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ।
न्यायपालिका भी बड़ी2 बातें करती है, क्या इन लोगों के खिलाफ देशद्रोह का केस नहीं बनता ..........!!! और बनता है तो, देश के जजों की आँखें बंद क्यों है .........???
वैसे तो सेना की नियत पर सवाल उठाने के कम ही मौके आये है । दलबीर सिहाग जोकि थल सेना अध्यक्ष है और जाट भी है। अभी मुझे पता चला की उसने जाटों को बचाने के लिए, जानबूझकर जाट रेजिमेंट को भेजा, उन्होंने सख्त कार्यवाही की ही नहीं......!!! वो तो गोरखा रेजिमेंट के जवान भाइयों ने हिम्मत दिखाई थी।
अब मुद्दे की बात ये है कि ---हमारे देश में ऐसे कानून बनाने की जरुरत है कि किसी भी प्रकार के आन्दोलन, जलसा, जलूस , भीड़ के द्वारा किसी भी व्यक्तिगत या सार्वजनिक संपत्ति ( जिसमे स्कूल, कॉलेज, दुकान, घर, थाने या कोई और संपत्ति )का नुकसान करने पर , उसके नुकसान की भरपाई उसके मुखिया, / अगुआई करने वाले, लोगों या संस्थाओं से की जायेगी । दूसरा ये अपराध गैर जमानती होगा । हरियाणा में ये कानून हॉस्पिटल में तोडफोड़ रोकने के लिए बनाया गया था। अब ऐसा कानून पूरे देश के लिए बनाना जरूरी हो गया है। ये इसलिए, जरूरी हो गया है, क्योंकि इसकी कीमत शरीफ लोग टैक्स भरकर चुकाते हैं । ये लोगों के खून पसीने की कमाई का पैसा है । इस पैसे को बर्बाद होने से बचाकर, कितने बच्चों को पढ़ाया जा सकता था..........???, कितने भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता था ........???
इस कानून के बनने से , कोई भी समूह, व्यक्ति, संगठन, गुंडागर्दी करते हुए, तोड़फोड़ करने से पहले चार बार सोचेगा ............???
देश के लोगों की खून पसीने की कमाई बर्बाद होने से बचेगी और ये पैसा देश के निर्माण में सदुपयोग हो सकेगा ......!!! वैसे ही इस देश में अनेकों गंभीर समस्याओं की भरमार है। और हम इस बर्बादी को सहन नहीं कर सकते......!!!
अगर आपको हमारे विचार में दम लगे , तो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ।
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