हमारे देश की लोकतान्त्रिक
व्यवस्था के मुख्य स्तम्भ हैं – विधानपालिका ( सांसद, विधायक, मंत्री,
मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री आदि ), कार्यपालिका ( राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारी / पुलिस ), न्यायपालिका
( मजिस्ट्रेट, जज, कोर्ट के अधिकारी और कर्मचारी ) और चौथा व महत्वपूर्ण स्तम्भ है
--मीडिया I कार्यपालिका, विधानपालिका और न्यायपालिका के लोगों को, देश की जनता के खून पसीने की कमाई से मिलने
वाले टैक्स के पैसे से वेतन, भत्ता और दूसरी सुविधाएं दी जाती हैं I देश के लोगों
ने विधानपालिका में खूब घपले / घोटाले / भ्रष्टाचार होते देखा....... कार्यपालिका के भी घोटाले/ भ्रष्टाचार देखे
...... और जनता ने इनका विरोध भी किया I लेकिन न्यायपालिका के घपले / भ्रष्टाचार /
घोटाले, देश की जनता के सामने नहीं आ सके
और किसी ने इन घोटालों पर कुछ करने की कोशिश की, तो न्यायपालिका ने, उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना के नाम पर, झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर, जनता
की आवाज़ को कुचलने की कोशिश की गई I आज के माहौल में हम गौर से देखें तो इस समय देश
में न्यायपालिका का भ्रष्टाचार, न्याय के
नाम पर की जाने वाली ड्रामेबाजी, अवैध वसूली, शोषण, अत्याचार, और तानाशाही के
कारण, लोगों का सबसे ज्यादा नुकसान हों रहा है I
विधायिका
के लोग ( यानि की विधायक, सांसद ) तो फिर भी जनता से डरते है, क्योंकी हर 5 साल
बाद उनको जनता से वोट भी मांगने जाना है I लेकिन जजों के दिमाग में ये ग़लतफहमी बैठ गई है कि – एक ब़ार जज बन गये, फिर तो तुम
खुदा से भी बड़े हों गये, क्योंकी न्यायपालिका कभी भी जजों के खिलाफ कार्यवाही करती ही नहीं.............., सांसद में महाभियोग चलाया नहीं
जाता..............., इसलिये, भ्रष्ट जजों को उनके पद से नहीं हटाया जाता या उनको
सजा नहीं हों पाती.................
जब जजों के खिलाफ कोई कानून
बनाने की बात आये तो न्यायपालिका की आज़ादी के हनन के नाम पर नाटक शुरू ............... इस देश के बड़े से बड़े जज, विधानपालिका / कार्यपालिका के भ्रष्टाचार,
कानून सुधार की बड़ी -2 करेंगे, लेकिन जजों
के फर्जीवाड़े पर वे कुछ नहीं करना चाहते ................., जजों के खिलाफ आई
शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई, इस बात को सार्वजानिक न करके, गुप्त क्यों रखना चाहते हैं........ ??? जबकि ये प्रावधान किया गया है कि – जजों के
खिलाफ कोई भी शिकायत आएगी तो उस पर कार्यवाही जरूर की जाएगी I इस खेल में सभी जज एकजुट हों गये और अपने साथी
जजों को बचाने के लिए, किसी भी हद तक जाने में, किसी प्रकार की कोई शर्म, संकोच नहीं कर रहे, पुलिस को इन्होने
डराकर रखा........ तो आम जनता को भी जेल भेजने का डर बनाकर, डरा दिया और इस प्रकार जजों के दिमाग में
तानाशाही की प्रवृति, बढती ही चली गई I जब लोकतंत्र के दुसरे अंग की बात आती है तो
न्यायपालिका के लोग, पारदर्शिता,
जिम्मेदारी, कर्तव्य निष्ठा, नैतिकता,
जबाबदेही, की बड़ी -2 बात करते हैं, लेकिन जब खुद के घर को सुधारने की बात आये तो ये लोग कुछ भी नहीं करना
चाहते..... आखिर क्यों.........??? ये
जज ईमानदारी का दिखावा तो ऐसे करेंगे कि जैसे
तो ये लोग भगवान से भी ज्यादा जिम्मेदार और ईमानदार है ............ लेकिन इनके
कारनामे ऐसे हैं कि – मानवता ही शर्मसार हों जाये...........
वैसे तो हम और आप लोगों का
कोर्ट से वास्ता पड़ता ही है और सब जानते हैं कि – कोर्ट में जज क्या करते हैं
......??? चाहे वो झूठे केस दर्ज करवाने की बात हों.....या झूठे मुकदमे जबरदस्ती चलाने की बात हो....... या फिर अवैध वसूली की
बात हों .......या फिर........अवैध प्रतिफल लेकर......... रसूख और धन दौलत वाले
पक्षकार के हक में फैसला लिखने की बात हों ....... या फिर निर्दोष लोगों को जेल
भेजने की बात हों ........ या फिर ...... गलत तरीके से गैर जमानती वारंट जारी करके, हिरासत में लेकर जेल के माध्यम से
प्रताड़ित करवाने की बात हों ............ ऐसे अनेकों मामले रोजाना किसी न किसी
पीड़ित के साथ देश की लगभग सभी अदालतों में होते हैं i ऐसे हालातों में इन लोगों से
न्याय की उम्मीद ही करना, नासमझी ही होगी i फिर भी आपकी जानकारी के लिए हम कुछ ऐसे
मामले की जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप इस मामले की असली गहराई को समझ सकें i
कुछ ऐसे केस/ फैसले जिसे
जानकर आपको इन जजों की असलियत समझ में आ जाएगी .........
1.
अभी फिरोजपुर झिरका के
कोर्ट के दो कर्मचारियों ने पीने के साफ़ पानी की व्यवस्था के लिए, तत्कालीन जिला
सेशन जज D. S. Sheoran को पत्र लिखा I 20
महीने तक कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने रजिस्ट्रार हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और कानून
मंत्री को लिख दिया I सुप्रीम कोर्ट ने उस पत्र को PIL मानकर संज्ञान ले लिया और
की गई कार्यवाही की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजने के लिए लिखा I लगभग 01: 25 लाख रूपये खर्च करके R. O.
वाटर फ़िल्टर भी लग गए, लेकिन हाई कोर्ट चंडीगढ़ के तत्कालीन जिला मेवात के
प्रशासनिक जज महावीर सिंह चौहान और रजिस्ट्रार गुरविंदर सिंह गिल ने मिलकर, इन दोनो
कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच, और नौकरी से निकालने के नोटिस थमा दिए l अपने देश में लोग पुन्य कमाने के लिए पानी के
प्याऊ लगाते हैं, और ये जज लोग कैसे-2
बेवकूफी, क्रूरता और समाज में गलत सन्देश देने वाले कारनामे करते हैं I
2.
हिंदुस्तान के जज कितने
जिम्मेदार हैं, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि – ये जज, कोर्ट में काम करने के लिए नियुक्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से, गैर कानूनी तरीके
से अपने घरों में, गुलाम नौकरों की तरह
काम लेना, उनको 16 से 18 घंटे प्रताड़ित करना, जैसे अत्यंत खतरनाक अपराध कर रहे हैं, जिसके कारण कई
लोग आत्म हत्या तक कर चुके हैं I जब ये जज उनके ही नहीं हों सके,.............. जो
दिन रात, अपना परिवार छोड़कर, इनके घरेलु काम तक करते रहे, तो जज लोग दूसरों को क्या न्याय देंगे ....???
3.
जजों के खिलाफ आई शिकायतों पर क्या कार्यवाही
हुई, सुप्रीम कोर्ट इसको सार्वजानिक क्यों नहीं कर रहा ......???
4.
हाई कोर्ट के जजों से
लेकर, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस तक,
वैसे तो बड़े -2 प्रवचन देते मिलेंगे, लेकिन जजों के खिलाफ, कार्यवाही करने पर सब
चुप, ऐसा क्यों ........???
5.
सहारा इंडिया के सुब्रत रॉय
को किस FIR / शिकायत के आधार पर जेल में डाला ....??? सुप्रीम कोर्ट इस जानकारी को RTI में क्यों
नहीं दे रहा .....??? अगर सुब्रत रॉय के खिलाफ कोई शिकायत / FIR, नहीं थी तो
सुप्रीम कोर्ट, किस कानून की किस धारा के तहत,
जेल भेजा जा सकता है, इस बात का खुलासा
क्यों नहीं कर रहा ....???
6.
जो लोग झूठे केसों में
फंसाकर, जेल में डाल दिए, उनका तो और भी बुरा हाल है I उनकी तो आवाज़ को अन्दर ही कुचल दिया जाता है I कहने को तो
मानव अधिकार आयोग, हाई कोर्ट के जज, जिला सेशन जज, CJM, जेल में दौरा करने जाते
हैं, लेकिन शिकायत पर कोई कार्यवाही न करके, जेल से मोटी रकम, अवैध वसूली के रूप
में पाते हैं .......... और दिखावे में
न्याय का नाटक ...........
7.
नाम न्यायालय, लेकिन न्याय
तो दूर -2 तक नहीं ........... सपने में भी, सोचना गुनाह........ गलती से आपने सच के लिए या अन्याय के खिलाफ कुछ
बोलने की कोशिश की, तो ये सब लोग मिलकर, आपके खिलाफ षड्यंत्र रचते हुए, प्रताड़ित
करेंगे, स्पष्ट सबूत होते हुए भी आपके खिलाफ फैसले देंगे, गलत तरीके से गैर जामनती
वारंट जारी करके जेल भेजकर, प्रताड़ित करवाएंगे, ताकि दूसरा कोई न्याय की कोशिश ही
न करे और जज लोगों का अवैध वसूली का खेल
चलता रहे l
8.
इस देश में कई जज जिनके नियुक्ति ही गैर कानूनी
थी, और वे हाई कोर्ट के जज बनकर, गैर कानूनी तरीके से, सरासर गलत फैसले लिखकर, न
जाने कितने करोड़ लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं, क्या ऐसे लोग पीड़ित को न्याय दे
सकते हैं ..............???
9.
ये जज सपष्ट सबूतों के
बावजूद भी, सरासर झूठे मुकदमे डालने वाले, लोगों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं करते .............??? क्योंकी झूठे
केस डालने वाले रसूखदार लोग, इनको अवैध रूप से दलाली देकर, सम्पन बनाते हैं I इसलिए, ये जज चाहते हैं
कि – झूठे मुकदमे आते रहेंगे तो उनकी अवैध कमाई होती रहेगी I
10.
जब इस देश में कानून
दुरूपयोग पर ड्राईवर, डॉक्टर, इंजिनियर, नेता, अधिकारी, सांसद, विधायक को सजा है,
तो कानून दुरूपयोग पर जजों को सजा क्यों नहीं .........???
11.
जब संसद की कार्यवाही की विडियो रिकॉर्डिंग होती है और
उसका प्रसारण भी होता है तो कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई की विडियो रिकॉर्डिंग से, जजों को इतनी तकलीफ
क्यों ......???
ये तो केवल कुछ नमूने हैं,
ताकि आप इस समस्या की गहरे को समझ सकें, क्योंकि सदियों से जजों के भ्रष्टाचार पर पर्दा
डालकर हमसे छुपाकर रखा गया I आज के दिन
जजों को ये मालूम है की – वे कोई भी गलत फैसला लिख दे......, किसी को बिना कसूर जेल भेजकर उनकी ईज्जत को नीलाम कर दें
....... किसी का करियर बर्बाद कर दें....... या किसी और तरह का कोई भी नुकसान कर
दें, तो उनका कुछ भी बिगड़ने वाला नहीं है, तो इनको गलत काम करने का डर क्यों रहेगा
.........??? जजों की जबाबदेही कानून बन
जाने के बाद, जजों को जिम्मेदारी से काम करना पड़ेगा I अगर जानबूझकर किसी के साथ
कुछ गलत किया, गलत फैसले लिखकर प्रताड़ित किया तो उसका हर्जाना देना पड़ेगा I उनके
खिलाफ कानूनी कार्यवाही और सजा भी होगी........
, गड़बड़ी करने वाले जज घर भी बैठेंगे I तब जाकर
ये जज लोग जिम्मेदारी से काम करना शुरू करेंगे और देश के लोगों की प्रताड़ना पर
लगाम लग सकेगी, पीड़ित लोगों को निष्पक्ष न्याय मिल सकेगा, अवैध वसूली पर लगाम लग
सकेगी I देश के लगभग 40 करोड़ न्यायिक व्यवस्था की खामियों का शिकार हैं l लोग अपने काम धंधे, नौकरी कर
सकेंगे, सुख चैन की नींद सो सकेंगे I इसलिए,
केंद्र सरकार को जजों की जबाबदेही कानून बनाने के लिए, हम इस सन्देश को
प्रधानमंत्री जी तक पहुँचाना चाहते हैं I देशहित
के इस नेक काम में आप सभी का सहयोग, जरूरी है I
इस मिशन को बेहतर और कामयाब बनाने
के लिए, आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित हैं l जय हिन्द .....!!!
देश के जिम्मेदार नागरिकगण से जनहित में अपील .........
ReplyDeleteकेंद्र सरकार जजों की जबाबदेही कानून लाना चाहती है, ....... जज न्यायपालिका की स्वतंत्रता के हनन की दुहाई देकर , इस कानून को बनने से रोकना चाहते हैं। 40 करोड़ से ज्यादा लोग न्यायपालिका के गैर जिम्मेदार रवैये से दुखी हैं और उनका जमकर शोषण किया जा रहा है । किसी को जेल में भेजकर तो किसी को जेल से बाहर, न्यायपालिका का एक ही प्रयास रहता है कि देश के लोग इसी तरह मुकदमों में उलझे रहें, ताकि उनको डराकर , अवैध वसूली का खेल चलता रहे । इस समस्या का समाधान है, जजों की जबाबदेही कानून बनवाने के लिए हम लोग सरकार को जजों की बेवकूफी, मूर्खता, गैर जिम्मेदारी, गैर कानूनी कारनामों, फर्जीवाड़ों के सबूत भेजें, ताकि ड्रामा करने वाले जजों की जुबान बंद की जा सके । हम जानते हैं कि हम में से ज्यादातर लोग , जजों के नाम से ही डरते हैं । इसलिए, ऐसे सबूत हमें भेजने का कष्ट करें , हम उनको सही जगह और सही व्यक्ति तक पहुंचा देंगे ।
Rewari is a big Railway Junction, on an average 10,0000 people visit per day . During the recruitment days, Festival seasons, this number cross 2.5 lacs. Message to minimum 9 states can be delivered from Rewari . I am going to start campaign for Judges Accountability Bill from Rewari . Every Citizen of India needs this bill, this will have control over dictatorship and irresponsible attitude of Judges. In Anna movement I had met to more than 6 lacs people ........ this time minimum 10 lacs people .
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