फिरोजपुर झिरका मेवात के कोर्ट में कार्यरत दो कर्मचारियों ने पीने के साफ़ पानी की व्यवस्था करने के लिए जिला सेशन जज को लिखा। जज साहब ने कुछ नहीं किया। 20 महीने बाद भोगी राम और सीता राम गर्ग भाई साहब ने कानून मंत्रालय, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को लिखा। सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए, मेवात के सेशन जज से एक्शन ताकें रिपोर्ट मांग ली। कोर्ट में वाटर फ़िल्टर लग गए, लेकिन इन बेशर्म जजों ने इस दोनों भाइयों के खिलाफ विभागीय जांच और नौकरी से निकालने का नोटिस थमा दिया। हमारे देश में लोग पूण्य कमाने के लिए प्याऊ लगाते हैं । सुप्रीम कोर्ट ने गलती से कार्यवाही भी कर दी, लेकिन हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार, और मेवात के जिला सेशन जज जिनका नाम D S Sheoran है, इनकी बुद्धि का स्तर इतना गिर गया कि इन्होंने इतना घिनोना, घटिया, हमारी संस्कृति और मानवता को शर्मसार करने वाला कारनामा करके दिखाया ।
काम तो इनके कसाई वाले है, और तानाशाही करने के लिए इनको आज़ादी चाहिए ........
जजों के ऐसे अनेक फर्जीवाड़े और मूर्खता भरे कारनामे हैं, जिनको जिम्मेदार बनाने के लिए जजों की जबाबदेही कानून चाहिए ......
काम तो इनके कसाई वाले है, और तानाशाही करने के लिए इनको आज़ादी चाहिए ........
जजों के ऐसे अनेक फर्जीवाड़े और मूर्खता भरे कारनामे हैं, जिनको जिम्मेदार बनाने के लिए जजों की जबाबदेही कानून चाहिए ......
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