Sunday, 11 March 2018

जिस दिन हिंदुस्तान के पति भीख भत्ता को काबू में करना और पत्नी परिवार के खिलाफ उलटे मुकदमे डालना सिख जायेंगे,. उसी दिन से

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जिस दिन हिंदुस्तान के पति भीख भत्ता को काबू में करना और पत्नी परिवार के खिलाफ उलटे मुकदमे डालना सिख जायेंगे,.................
उसी दिन से दिन औरतों के माध्यम से झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा और भीख भत्ता के झूठे मुकदमे बंद हो जायेंगे .............
यही हमारी पीड़ित पतियों की कार्यशाला का उद्देश्य है ...................

आजकल कोर्ट , न्याय के मंदिर नहीं रहे......

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

क्या है Litigation Industry.....???
आजकल कोर्ट , न्याय के मंदिर नहीं रहे...... अब तो पुलिस, महिला आयोग, महिला सशक्तिकरण संस्थाये , वकील, जज ने मिलकर कोर्ट में झूठे मुकदमें को चलाकर, निर्दोष लोगों को फंसाये रखकर, अवैध वसूली का काम जमकर हो रहा है। 
कोई ज्यादा विरोध करे तो उस पर कॉन्टेम्पट का केस लगवा दो….....
या फिर उसे बिना किसी जायज कारण के सजा करके ........... अपील दलील में उलझा दो,............
या फिर उसके खिलाफ कोर्ट में जज के सामने उपस्थित होते हुए भी , उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दो ।
जानबूझकर बैल न देकर , निर्दोष को जेल में भेजकर , प्रताड़ित करवाना एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री का रूप ले चूका है । इसे लीगल भाषा में Litigation इंडस्ट्री कहते हैं ।

क्या है Litigation Industry.....???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



क्या है Litigation Industry.....???
आजकल कोर्ट , न्याय के मंदिर नहीं रहे...... अब तो पुलिस, महिला आयोग, महिला सशक्तिकरण संस्थाये , वकील, जज ने मिलकर कोर्ट में झूठे मुकदमें को चलाकर, निर्दोष लोगों को फंसाये रखकर, अवैध वसूली का काम जमकर हो रहा है। 
कोई ज्यादा विरोध करे तो उस पर कॉन्टेम्पट का केस लगवा दो….....
या फिर उसे बिना किसी जायज कारण के सजा करके ........... अपील दलील में उलझा दो,............
या फिर उसके खिलाफ कोर्ट में जज के सामने उपस्थित होते हुए भी , उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दो ।
जानबूझकर बैल न देकर , निर्दोष को जेल में भेजकर , प्रताड़ित करवाना एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री का रूप ले चूका है । इसे लीगल भाषा में Litigation इंडस्ट्री कहते हैं ।

अगर आप वकीलों के अत्याचार और शोषण से परेशान हैं तो ये पोस्ट जरूर पढ़ें ........

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



हमारे रेवाड़ी में चरणजीत शर्मा नाम का रिक्शा वाला था , जोकि 8 वीं पास था, गुरुमुखी जनता था । अंग्रेज़ी नहीं जानता था .... वो केवल बड़े लोगों के खिलाफ ही केस ठोकता था । जैसे DSP, उसके सामने जजों के पैर कांपते थे ।
उसको कानूनी दांव पेंच का ऐसा खतरनाक ज्ञान था कि -- उसके सामने कोई वकील खड़ा ही नहीं होता था । क्योंकि जो भी वकील उसके सामने आता, वो उसके खिलाफ ही केस ड़ाल देता था । अधिवक्ता एक्ट में ऐसा प्रावधान है कि -- वकील अन्याय का साथ नहीं देगा । रेवाड़ी के एक वकील को इसी मामले में सजा भी हुई थी, फिर वो हाई कोर्ट में जाकर नारनौल का जज सतीश मित्तल (जोकि आजकल पंजाब का लोकपाल है , भृष्ट आचरण का जज रहा है जिसने कुर्सी की खरीद में कमीशन खाया था ) से सेटिंग करके बचा था ।
या जानकारी मुझे दो दिन पहले ही किसी मित्र ने बताई । आज वो भाई साहब इस इस दुनिया में नहीं हैं, हमें उनसे मिलने का सौभाग्य एक बार मिला था ।
वर्तमान में वकील करोड़ों पीड़ितों को फंसाकर शोषण कर रहे हैं, आप उनके खिलाफ मुक़दमे ड़ाल दो ........फिर देखो तमाशा ......

जब तक आप खुद फर्जीवाड़ों को पकड़ना नहीं सीखोगे, तब तक ऐसे ही तड़फ 2 कर मरते रहोगे ........

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



झूठे दहेज़, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा, छेड़छाड़ और बलात्कार के शिकार पति उस दिन तक वकील, पुलिस, जज , कोर्ट ,जेल के शोषण के शिकार बनते रहेंगे , जब तक वे अपनी लड़ाई लड़ने के लिए खुद को सशक्त नहीं बनाएंगे ........
ऐसे लोगों को औरतों के सशक्तिकरण के आड़ में झूठे मुक़दमे दर्ज करवाने के पीछे अवैध वसूली के गैंग के लालच को समझना जरूरी है ।
जब तक आप खुद फर्जीवाड़ों को पकड़ना नहीं सीखोगे, तब तक ऐसे ही तड़फ 2 कर मरते रहोगे ........
ये ही सब बातें सिखाने के लिए हम कार्यशाला कर रहे हैं .......

झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल -- सर जी वकील ने मेरे मुकदमें में बहस ही नहीं की, पेश ही नहीं हुआ................................

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पत्नी द्वारा लगाये गए 498a, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा के झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल
-- सर जी वकील ने मेरे मुकदमें में बहस ही नहीं की, पेश ही नहीं हुआ, जज ने 10000 रूपये महीना भीख भत्ता लगा दिया, मेरी सैलरी ही 8000 रूपये है ........... क्या करूँ सर जी ........???
समाधान -- कोर्ट में होने वाले फर्जीवाड़े को कैसे पकड़ें, इसके बारे में कार्यशाला में पधारने का कष्ट करें और गड़बड़ियों को कैसे पकड़ना और कैसे फर्जीवाड़ा रोकना है, ये सीखने की हिम्मत करें और फिर अपने मुकदमों को काबू में करें ।

झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल -- सर जी वकील दूसरी पार्टी से मिलकर मेरे मुक़दमे में गड़बड़ी कर रहा है .................................,

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पत्नी द्वारा लगाये गए 498a, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा के झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल -- सर जी वकील दूसरी पार्टी से मिलकर मेरे मुक़दमे में गड़बड़ी कर रहा है , मैंने उसको हटाकर नया वकील किया, उसको फीस भी दे दी, वो भी दगाबाजी कर गया और मेरे खिलाफ वारंट जारी करवा दिए । पुलिस घर पर चक्कर लगा रही है । क्या करूँ सर जी ........???
समाधान -- कोर्ट में होने वाले फर्जीवाड़े को कैसे पकड़ें, इसके बारे में कार्यशाला में सीखने की हिम्मत करें और फिर अपने मुकदमों को काबू में करें ।

Monday, 5 March 2018

झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के निर्दोष परिवारों का शोषण करने में न्यायपालिका भी कम जिम्मेदार नहीं .....................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



इस देश में निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए न्यायपलिका, बड़ी 2 बातें करती है l कभी पुलिस को........ तो कभी कानूनों को......... कभी संसद को....... तो कभी औरतों को...... जिम्मेदार बताते हुए जरूरतमंद औरतों के लिए बनाये गये कानून  दुरूपयोग की बातें करती है, लेकिन कभी समस्या की जड़ को ठीक करने का प्रयास कभी भी नहीं किया गया l  निचली अदालतों से लेकर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रवैया देखे तो इन मुकदमों में निर्दोष लोगों के शोषण में न्यायपालिका की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं है l आप फर्जीवाड़े करने वाली औरतों के गुजारा  भत्ता के मामलों को ही देख लें, आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी  है कि --  औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको भीख भत्ता देने के लिए पति को मजबूर किया जाता है ...............???    ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ये 20000 करोड़ रूपये सालाना की इंडस्ट्री है , जिसमे वकील, महिला सेल, पुलिस , दलाल , भ्रष्ट जज सब मिलकर कमाते हैं l
आज तक देश में लाखों परिवार इन झूठे मुकदमों की चपेट में आ चुके हैं, कोर्ट के सामने फर्जीवाड़े के सबूत भी पेश कर दिए जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी जज जानबूझकर औरतों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करते ........???
वहीँ दूसरी तरफ अगर पति से जाने अनजाने में कोई छोटी से गलती हो जाये तो ये लोग उसका खून चूसने को तैयार बैठे रहते हैं l  बिना सबूत के ही लोगों को सजा कर दी जाती है, फिर अपील में पैसे लेकर उनको बरी कर दिया जाता है l  इस खेल में आर्थिक संपन्न लोग तो निकल जाते हैं, लेकिन गरीब आदमी फंस जाता है l देश के करोड़ों युवाओं को केवल इसलिए उलझाकर रखा जाता है कि – मजबूर होकर वो अवैध वसूली देने को तैयार हो जाये .......
झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने  का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता और  समझौते के नाम, पर मिलने वाली मोटी  रकम .......... अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची  भाई, माँ बाप सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे...............
जिस देश का युवा ही कमजोर होगा, वो देश कैसे ताकतवर हो सकता है ......     



झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता .....और ................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है --
औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता .........................और समझौते के नाम, पर मिलने वाली मोटी रकम ..........
अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची भाई, माँ बाप को सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे

फर्जीवाड़े करने वाली औरतों को, पति से हर महीने भीख भत्ता दिलवाने की न्यायपालिका की क्या मजबूरी है ..........................???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के निर्दोष परिवारों का शोषण करने में न्यायपालिका भी कम जिम्मेदार नहीं .....................

इस देश में निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए न्यायपलिका, बड़ी 2 बातें करती है l कभी पुलिस को........ तो कभी कानूनों को......... कभी संसद को....... तो कभी औरतों को...... जिम्मेदार बताते हुए जरूरतमंद औरतों के लिए बनाये गये कानून  दुरूपयोग की बातें करती है, लेकिन कभी समस्या की जड़ को ठीक करने का प्रयास कभी भी नहीं किया गया l  निचली अदालतों से लेकर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रवैया देखे तो इन मुकदमों में निर्दोष लोगों के शोषण में न्यायपालिका की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं है l आप फर्जीवाड़े करने वाली औरतों के गुजारा  भत्ता के मामलों को ही देख लें, आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी  है कि --  औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको भीख भत्ता देने के लिए पति को मजबूर किया जाता है ...............???
आज तक देश में लाखों परिवार इन झूठे मुकदमों की चपेट में आ  चुके हैं, कोर्ट के सामने फर्जीवाड़े के सबूत भी पेश कर दिए जाते हैं , लेकिन उसके बावजूद भी जज जानबूझकर औरतों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करते ........???
वहीँ दूसरी तरफ अगर पति से जाने अनजाने में कोई छोटी से गलती हो जाये तो ये लोग उसका खून चूसने को तैयार बैठे रहते हैं l  बिना सबूत के ही लोगों को सजा कर दी जाती है, फिर अपील में पैसे लेकर उनको बरी कर दिया जाता है l  इस खेल में आर्थिक संपन्न लोग तो निकल जाते हैं, लेकिन गरीब आदमी फंस जाता है l देश के करोड़ों युवाओं को केवल इसलिए उलझाकर रखा जाता है कि – मजबूर होकर वो अवैध वसूली देने को तैयार हो जाये .......
जिस देश का युवा ही कमजोर होगा, वो देश कैसे ताकतवर हो सकता है ......     

झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने  का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता........... अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची  भाई, माँ बाप सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे 







गुजारा भत्ता (125) के पीड़ित लोग ध्यान दें....................
अक्सर कोर्ट में जज गुजारा भत्ता के केस में, उन हालातों में भी जेल भेज देते हैं , जब उनकी नौकरी चली गई / कर्जा हो गया / खुद के केस व दूसरे खर्च को झेलने में असमर्थ होने पर भी जज, सच जानते हुए भी आँखें बंद करते हुए,................ दूसरे पक्ष के वकील और औरतों द्वारा ड्रामा करने पर, निर्दोष लोगों को जेल भेज देते हैं ।
ज्यादा बोलेंगे तो जज कहेगा कि – सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट की अथॉरिटी लाओ ।
इस प्रथा को हम रोक सकते हैं .........???
कैसे रोकें ............???
दरअसल गुजारा भत्ता मांगने के तीन तरीके हैं । जब भी जज किसी ऐसे व्यक्ति को जेल भेजता है तो उस जेल को भेजे जाने वाले वारंट को ध्यान से पढ़ें । उसमे साफ़ -2 लिखा होता है कि– इस व्यक्ति के पास काफी पैसा है जिससे गुजारा भत्ता दे सकता है, लेकिन ये जानबूझकर नहीं दे रहा । इसलिए इसे 14 दिन की सधाराण जेल भेजा जाता है ।
क्या आप जानते हैं कि जेल वारंट में ऐसा क्यों लिखा होता है ........???
क्योंकि इन कानूनों में स्पष्ट लिखा है कि -- उसके पास इतना पैसा होना चाहिए कि --- वो गुजारा भत्ता दे सके , और जज को भी जेल भेजने से पहले ये देखना होता है कि -- उस पति के पास देने के लिए कुछ है भी या नहीं..............???
कोई पढता ही नहीं.....................और वकील क्यों पढेंगे ............???
उनकी तो कमाई/ कमीशन गुजारा भत्ता के पैसे से ही निकलनी है ..............???
इसलिए अपने गुजारा भत्ता के केस में, वकील की बजाय, आप अपना जबाब खुद लिखकर, कोर्ट में सादे पेज पर लिखकर, दस रूपये की कोर्ट फीस की टिकट लगाकर, जज को दें और फिर भी, अगर जज जेल भेज दे, तो फिर जेल से आने के बाद, जज से ये सवाल लिखित में पूँछ लें कि – उन्होंने ये किस आधार पर लिखा ...........??? कि –
मेरे सामने ये साबित हो गया है कि -- इनके पास काफी पैसा है, जिससे वो गुजारा भत्ता दे सकता है .........
और फिर देखो तमाशा .................... 99.99 % जज तो इस बात का जबाब ही नहीं दे सकेंगे, क्योंकि फैसले तो हवा में लिखे जाते हैं । आप उस जज के खिलाफ केस परमिशन मांग कर, उनके खिलाफ मुकदमा डाल दो ।
पूरे हिंदुस्तान में 100 लोग भी केस डाल देंगे, तो फिर देखना, ये जज कैसे सुधरते हैं................???
और आपका केस काबू में आ जायेगा । जब जज को टेंशन होगी, तो फिर झूठा केस डालने वालों को, तो जज अपने आप काबू में कर देंगे .........

अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया,......... तो झूठे मुकदमे करवाने लोगों को सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे .........

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने  का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता........... अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची  भाई, माँ बाप सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे 


गुजारा भत्ता (125) के पीड़ित लोग ध्यान दें....................
अक्सर कोर्ट में जज गुजारा भत्ता के केस में, उन हालातों में भी जेल भेज देते हैं , जब उनकी नौकरी चली गई / कर्जा हो गया / खुद के केस व दूसरे खर्च को झेलने में असमर्थ होने पर भी जज, सच जानते हुए भी आँखें बंद करते हुए,................ दूसरे पक्ष के वकील और औरतों द्वारा ड्रामा करने पर, निर्दोष लोगों को जेल भेज देते हैं ।
ज्यादा बोलेंगे तो जज कहेगा कि – सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट की अथॉरिटी लाओ ।
इस प्रथा को हम रोक सकते हैं .........???
कैसे रोकें ............???
दरअसल गुजारा भत्ता मांगने के तीन तरीके हैं । जब भी जज किसी ऐसे व्यक्ति को जेल भेजता है तो उस जेल को भेजे जाने वाले वारंट को ध्यान से पढ़ें । उसमे साफ़ -2 लिखा होता है कि– इस व्यक्ति के पास काफी पैसा है जिससे गुजारा भत्ता दे सकता है, लेकिन ये जानबूझकर नहीं दे रहा । इसलिए इसे 14 दिन की सधाराण जेल भेजा जाता है ।
क्या आप जानते हैं कि जेल वारंट में ऐसा क्यों लिखा होता है ........???
क्योंकि इन कानूनों में स्पष्ट लिखा है कि -- उसके पास इतना पैसा होना चाहिए कि --- वो गुजारा भत्ता दे सके , और जज को भी जेल भेजने से पहले ये देखना होता है कि -- उस पति के पास देने के लिए कुछ है भी या नहीं..............???
कोई पढता ही नहीं.....................और वकील क्यों पढेंगे ............???
उनकी तो कमाई/ कमीशन गुजारा भत्ता के पैसे से ही निकलनी है ..............???
इसलिए अपने गुजारा भत्ता के केस में, वकील की बजाय, आप अपना जबाब खुद लिखकर, कोर्ट में सादे पेज पर लिखकर, दस रूपये की कोर्ट फीस की टिकट लगाकर, जज को दें और फिर भी, अगर जज जेल भेज दे, तो फिर जेल से आने के बाद, जज से ये सवाल लिखित में पूँछ लें कि – उन्होंने ये किस आधार पर लिखा ...........??? कि –
मेरे सामने ये साबित हो गया है कि -- इनके पास काफी पैसा है, जिससे वो गुजारा भत्ता दे सकता है .........
और फिर देखो तमाशा .................... 99.99 % जज तो इस बात का जबाब ही नहीं दे सकेंगे, क्योंकि फैसले तो हवा में लिखे जाते हैं । आप उस जज के खिलाफ केस परमिशन मांग कर, उनके खिलाफ मुकदमा डाल दो ।
पूरे हिंदुस्तान में 100 लोग भी केस डाल देंगे, तो फिर देखना, ये जज कैसे सुधरते हैं................???
और आपका केस काबू में आ जायेगा । जब जज को टेंशन होगी, तो फिर झूठा केस डालने वालों को, तो जज अपने आप काबू में कर देंगे .........

आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी है कि -- औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको............................

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झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के निर्दोष परिवारों का शोषण करने में न्यायपालिका भी कम जिम्मेदार नहीं .....................
इस देश में निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए न्यायपलिका, बड़ी 2 बातें करती है l कभी पुलिस को........ तो कभी कानूनों को......... कभी संसद को....... तो कभी औरतों को...... जिम्मेदार बताते हुए जरूरतमंद औरतों के लिए बनाये गये कानून  दुरूपयोग की बातें करती है, लेकिन कभी समस्या की जड़ को ठीक करने का प्रयास कभी भी नहीं किया गया l  निचली अदालतों से लेकर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रवैया देखे तो इन मुकदमों में निर्दोष लोगों के शोषण में न्यायपालिका की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं है l आप फर्जीवाड़े करने वाली औरतों के गुजारा  भत्ता के मामलों को ही देख लें l  आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी  है कि --  औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको भीख भत्ता देने के लिए पति को मजबूर किया जाता है ...............???
आज तक देश में लाखों परिवार इन झूठे मुकदमों की चपेट में आ  चुके हैं, कोर्ट के सामने फर्जीवाड़े के सबूत भी पेश कर दिए जाते हैं , लेकिन उसके बावजूद भी जज जानबूझकर औरतों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करते ........???
वहीँ दूसरी तरफ अगर पति से जाने अनजाने में कोई छोटी से गलती हो जाये तो ये लोग उसका खून चूसने को तैयार बैठे रहते हैं l  बिना सबूत के ही लोगों को सजा कर दी जाती है, फिर अपील में पैसे लेकर उनको बरी कर दिया जाता है l  इस खेल में आर्थिक संपन्न लोग तो निकल जाते हैं, लेकिन गरीब आदमी फंस जाता है l देश के करोड़ों युवाओं को केवल इसलिए उलझाकर रखा जाता है कि – मजबूर होकर वो अवैध वसूली देने को तैयार हो जाये .......
जिस देश का युवा ही कमजोर होगा, वो देश कैसे ताकतवर हो सकता है ......     

Thursday, 1 March 2018

क्या आप अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में भेजना चाहेंगे ........???

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क्या आप अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में भेजना चाहेंगे ........???
जिस स्कूल के प्रिंसिपल , मालिक, और टीचर ऐसे काम में संलिप्त हों वे आपके बच्चों को क्या सिखायेंगे ...............
नारनौल से कुछ किलोमीटर दूर डोंगडा अहीर गाँव स्थित इंडस वैली पब्लिक स्कूल के मालिक, प्रिंसिपल और मैडम के फर्जीवाड़ों को जानने के बाद , 
आप अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में कभी भी नहीं भेजना चाहेंगे ........???
सबूत के साथ जानकारी ......
1) हमारा विडियो, जिस दिन हम स्कूल में गये ......... कृपया लिंक पर जायें https://drive.google.com/…/1_WfK_sGScjubHlPK4SMJ8im9e…/view…
2) आशा रानी से करवाई गई शिकायत .............कृपया लिंक पर जायें https://drive.google.com/…/1P9jrd2I3jisNMSd9TPbc3oO1q…/view…
3) पुलिस को हमारा जबाब................... कृपया लिंक पर जायें https://drive.google.com/…/1E6yu8i9M-g35te7Pb4RyWV1xz…/view…
ये षड्यंत्र नहीं तो क्या है ...........???
दरअसल आशा रानी उस स्कूल में काम करती है, लेकिन उस स्कूल के मालिक ने उसे रिकॉर्ड में नहीं दिखा रखा, जबकि कोर्ट में वो कह रही है कि – वो तो मजबूर, लाचार है, उसे कुछ भी नहीं आता .........
एक तरफ स्कूल का सिक्यूरिटी गार्ड, प्रिंसिपल आशा रानी के स्कूल में काम करने की बात स्वीकार कर रहे हैं, फिर मुकर रहे हैं और शिकायत आशा रानी से करवा रहे हैं ...............
स्कूल के प्रिंसिपल, मालिक, की आशा रानी को बचाने की क्या मजबूरी है........................???
क्या स्वार्थ है ........ ???
कहीं दोनों के बीच में कोई फर्जीवाड़ा तो नहीं .....................???
एक औरत का चरित्र जब गिरने लगे तो वो अपना शरीर को परोसने के आलावा कर भी क्या सकती है ........ और स्कूलों के मालिक का चरित्र कोई ज्यादा अच्छा नहीं होता है,.................
ये लोग अक्सर ऐसे कामों में संलिप्त रहते हैं............., पैसे का थोडा सा गरूर हो जाता है...........
कोई कितना भी चालाक क्यों न हो, झूठ के निशान कहीं न कहीं छोड़ ही देता है..........

सभी समझदार लोगों के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित......

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समस्या -- रोजाना कम से कम 4 से 5 पतियों के फोन आते हैं , सर हमारी बीबी / पत्नी हमारे खिलाफ महिला सेल में शिकायत कर दी या हमारे खिलाफ दहेज़ का मुकदमा कर दिया , पापा, मम्मी, बहन , जीजा , भाई भाभी सभी का नाम भी लिखवा दिया है .....
सर उसने खर्च / गुजारा भत्ता का केस भी लगा दिया है ...
सर जी हमारी मदद करो , हम बुरी तरह फंस गए हैं । हमनें उनको बताया कि -- भाई साहब फोन पर तो हम आपकी ज्यादा मदद नहीं कर कर सकेंगे क्योंकि बिना डाक्यूमेंट्स देखे गड़बड़ी सही पकड़ में नहीं आएगी और आपका काम सही तरीके से नहीं हो सकेगा । आप कार्यशाला में अपने डाक्यूमेंट्स सहित मिलें, हम आपको सही मदद कर सकेंगे , पत्नी और उसके परिवार वालों के खिलाफ केस भी तैयार करवा देंगे । ये लोग कार्यशाला में आना नहीं चाहते ...... वैसे कहेंगे कि -- सर जी मेरे शहर में कार्यशाला होनी चाहिए, जब इनको ये कहो कि -- अपने शहर में कार्यशाला करने में साथ आओ ,तब चुप ....