आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
Justice C.S.Karnan की हिम्मत को , देश के पीड़ित लोगों का सलाम .............
Justice CS Karnan ने अन्याय, भेदभाव, तानाशाही और अत्याचार के खिलाफ जो हिम्मत दिखाई है, ......इतिहास उनको प्रेरणा स्त्रोत के रूप में याद रखेगा ......
कई लोग दलित , कमजोर , पिछड़े लोगों से चिढ़ या नफरत रखते हैं, और मौका मिलते ही अपनी ताकत का दुरूपयोग करने से भी नहीं चूकते । हमनें दलितों का दर्द बहुत नजदीकी से देखा है-- आज भी हमारा समाज भेदभाव की सोच से उबर नहीं पाया है और अपनी भड़ास निकालने के लिए कमजोर को गाली या जातिसूचक शब्दों से ही सम्बोधित करता है ।
अभी कुछ समय से कलकत्ता हाई कोर्ट के जज C. S. Karnan का सारा घटनाक्रम सारा देश और दुनिया देख रही है , आखिर न्यायपालिका में ये सब हुआ ही क्यों ......???
ये सब इसलिए हो रहा है कि -- अब न्यायपालिका अंदर से खोखली हो चुकी है, जज जमकर फर्जीवाड़े और भरष्टाचार कर रहे हैं , न्यायपालिका अपनी ताकत का इस्तेमाल , अपने स्वार्थों की पूर्ति और नियम , कानून, संविधान, व् अपनी शपथ की अनदेखी कर अपने जजों को किसी भी कीमत पर बचाने , की सोच के चलते हुआ है।
जब भी नियम , कानून, का उलंघन होता है, और बाहरी दिखावे में ईमानदारी का नाटक , तो कुदरत अपने आप किसी अवतार के माध्यम से , सच सबके सामने ला देती है।
दलित होने के नाते , कर्नन साहब ने उस पीड़ा को बचपन से लेकर आजतक , कहीं न कहीं झेला है, और जब अति होने लगी तो उनकी आत्मा अन्याय और भेदभाव के खिलाफ कुछ करने की हिम्मत जुटा गई और उसी का परिणाम था कि खुद हाई कोर्ट का जज होते हुए भी जजों के भरष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री जी को लिखा ।
न्यायपालिका को ऐसे में करना तो ये चाहिये था कि -- उन जजों के खिलाफ जांच करवाकर , एतिहासिक कदम उठाती, ताकि देश के लोगों का विश्वास न्यायपालिका में कायम रहे । लेकिन, बेशर्मी करते हुए, शिकायतकर्ता जज के खिलाफ ही कॉन्टेम्पट का मुकदमा शुरू कर दिया ।
जब भी अन्याय और अत्याचार की अति होती है तो कुदरत किसी न किसी रूप में करनन, पैदा कर ही देती है।
और कोई होता तो उसको तो ये लोग मार ही देते, लेकिन , इस बार हाई कोर्ट का सिटींग जज था, उसने भी अपनी ताकत का इस्तेमाल करके, सुप्रीम कोर्ट के जजों को ऐसी हालात पर ला दिया, .........जहाँ पर दुनिया जजों का तमाशा देख रही है ।
हम देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, Justice CS Karnan की हिम्मत को सलाम करते हैं ........... और ईश्वर से दुआ करते हैं कि -- उनको और ताकतवर बनाएं, ताकि वो इस संघर्ष में इतिहास रच सकें जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करे ...
...
हमें विश्वास है कि -- इस सारे घटनाक्रम का नतीजा जो भी आएगा वो देश के पीड़ित लोगों के हित में ही होगा .......
Justice C.S.Karnan की हिम्मत को , देश के पीड़ित लोगों का सलाम .............
Justice CS Karnan ने अन्याय, भेदभाव, तानाशाही और अत्याचार के खिलाफ जो हिम्मत दिखाई है, ......इतिहास उनको प्रेरणा स्त्रोत के रूप में याद रखेगा ......
कई लोग दलित , कमजोर , पिछड़े लोगों से चिढ़ या नफरत रखते हैं, और मौका मिलते ही अपनी ताकत का दुरूपयोग करने से भी नहीं चूकते । हमनें दलितों का दर्द बहुत नजदीकी से देखा है-- आज भी हमारा समाज भेदभाव की सोच से उबर नहीं पाया है और अपनी भड़ास निकालने के लिए कमजोर को गाली या जातिसूचक शब्दों से ही सम्बोधित करता है ।
अभी कुछ समय से कलकत्ता हाई कोर्ट के जज C. S. Karnan का सारा घटनाक्रम सारा देश और दुनिया देख रही है , आखिर न्यायपालिका में ये सब हुआ ही क्यों ......???
ये सब इसलिए हो रहा है कि -- अब न्यायपालिका अंदर से खोखली हो चुकी है, जज जमकर फर्जीवाड़े और भरष्टाचार कर रहे हैं , न्यायपालिका अपनी ताकत का इस्तेमाल , अपने स्वार्थों की पूर्ति और नियम , कानून, संविधान, व् अपनी शपथ की अनदेखी कर अपने जजों को किसी भी कीमत पर बचाने , की सोच के चलते हुआ है।
जब भी नियम , कानून, का उलंघन होता है, और बाहरी दिखावे में ईमानदारी का नाटक , तो कुदरत अपने आप किसी अवतार के माध्यम से , सच सबके सामने ला देती है।
दलित होने के नाते , कर्नन साहब ने उस पीड़ा को बचपन से लेकर आजतक , कहीं न कहीं झेला है, और जब अति होने लगी तो उनकी आत्मा अन्याय और भेदभाव के खिलाफ कुछ करने की हिम्मत जुटा गई और उसी का परिणाम था कि खुद हाई कोर्ट का जज होते हुए भी जजों के भरष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री जी को लिखा ।
न्यायपालिका को ऐसे में करना तो ये चाहिये था कि -- उन जजों के खिलाफ जांच करवाकर , एतिहासिक कदम उठाती, ताकि देश के लोगों का विश्वास न्यायपालिका में कायम रहे । लेकिन, बेशर्मी करते हुए, शिकायतकर्ता जज के खिलाफ ही कॉन्टेम्पट का मुकदमा शुरू कर दिया ।
जब भी अन्याय और अत्याचार की अति होती है तो कुदरत किसी न किसी रूप में करनन, पैदा कर ही देती है।
और कोई होता तो उसको तो ये लोग मार ही देते, लेकिन , इस बार हाई कोर्ट का सिटींग जज था, उसने भी अपनी ताकत का इस्तेमाल करके, सुप्रीम कोर्ट के जजों को ऐसी हालात पर ला दिया, .........जहाँ पर दुनिया जजों का तमाशा देख रही है ।
हम देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, Justice CS Karnan की हिम्मत को सलाम करते हैं ........... और ईश्वर से दुआ करते हैं कि -- उनको और ताकतवर बनाएं, ताकि वो इस संघर्ष में इतिहास रच सकें जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करे ...
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हमें विश्वास है कि -- इस सारे घटनाक्रम का नतीजा जो भी आएगा वो देश के पीड़ित लोगों के हित में ही होगा .......
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