Thursday, 6 April 2017

नारनौल ही क्यों हम अगर पूरे देश की भी बात करें तो शायद ही कोई गुजारा भत्ता का ऐसा मुकदमा होगा जिसमे निचली अदालत में ही इतने सारे सबूत जज के सामने रखे गए हों .....

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


हमारा 125 Cr.P.C   का केस देश के उन गिने चुने मुकदमों में से है जिसमे पत्नी को गुजारा भत्ता मिला ही नहीं........ D.V act और  HMA में भी नहीं ......
Final Written Arguments submitted before the Court.......

पिछले लगभग एक महीने से अत्यधिक व्यस्त चल रहे थे ।  मेरे मुक़दमे ख़त्म होने की आखिरी स्टेज पर चल रहे हैं, इसलिए, उनके डाक्यूमेंट्स तैयार करने में लगे थे ।  लगभग 7000 पेज के डाक्यूमेंट्स तैयार किये और नारनौल के जजों को पढ़ने को दे दिए हैं । 
919 के बाद  691 और  Final Written Arguments of 36 pages Total 1646 pages of written arguments submitted in Maintainance  case . 

हमें कई पुराने वकील ये कह रहे थे कि नारनौल कोर्ट के इतिहास में किसी ने इतने ज्यादा पेज के लिखित बहस नहीं दी है।  नारनौल ही क्यों हम अगर पूरे देश की भी बात करें तो शायद ही गुजारा भत्ता का कोई ऐसा मुकदमा होगा जिसमे निचली अदालत में ही इतने सारे सबूत जज के सामने रखे गए हों , अब ये डाक्यूमेंट्स जजों को पढ़ने पड़ेंगे , आखिर 7 साल के फर्जीवाड़े जो हैं ........

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