He is Mr. Tahar Singh of 68 years Advocate in High Court Chandigarh, was suffering from Joint Pain. Now he is Free from Pain Free of cost....
We invite all Activists, Religious Gurus, Experts, Intellectuals, RTI Activists, Responsible Citizens to come forward to change India. Anyone working to change anything, any issue for betterment of Society and Nation, is valuable asset to Nation. We request you to come forward to make India a better place to live............... M--09253323118 Email-- letschangeindiablog@gmail.com
Thursday, 29 December 2016
High Court Chandigarh Advocate Mr. Tahar Singh now Free from Joint Pain.......
He is Mr. Tahar Singh of 68 years Advocate in High Court Chandigarh, was suffering from Joint Pain. Now he is Free from Pain Free of cost....
Friday, 9 December 2016
आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
Representations for Speaking Orders to various authorities of State, local, DGP Haryana, Director General Prison Haryana. Haryana Human Rights Commission, Haryana DGHS, Haryana Human Rights Commission, High Court, Governor, Supreme Court, Secretary Justice, Law Minister, Prime minister, Rashtrpati Bhawan,
etc.
Representations for Speaking Orders to various authorities of State, local, DGP Haryana, Director General Prison Haryana. Haryana Human Rights Commission, Haryana DGHS, Haryana Human Rights Commission, High Court, Governor, Supreme Court, Secretary Justice, Law Minister, Prime minister, Rashtrpati Bhawan,
etc.
Friday, 2 December 2016
हिंदुस्तान के लोगों को जब तक न्याय नहीं मिल सकता, जब तक ....
आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
हिंदुस्तान के लोगों को जब तक न्याय नहीं मिल सकता, जब तक न्यायपालिका में ...............
नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल , ADJ रजनीश बंसल, JMIC ऍम जेड खान, JMIC संदीप चौहान, JMIC रामअवतार पारीक, JMIC अपर्णा भरद्वाज, JMIC सुयाशा जावा , महिंदर सिंह सुल्लर रिटायर्ड जज हाई कोर्ट चंडीगढ़, जैसे अपराधिक मानसिकता वाले, षड्यंत्र रचने वाले जज और हाई कोर्ट चंडीगढ़ में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले जज, दया चौधरी और अनीता चौधरी जैसी षड्यंत्र में शामिल होकर न्याय की हत्या करने वाले जज मौजूद रहेंगे,...............
तब तक इस देश के निर्दोष लोगों का ऐसे ही शोषण होता रहेगा ।.
हिंदुस्तान के लोगों को जब तक न्याय नहीं मिल सकता, जब तक न्यायपालिका में ...............
नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल , ADJ रजनीश बंसल, JMIC ऍम जेड खान, JMIC संदीप चौहान, JMIC रामअवतार पारीक, JMIC अपर्णा भरद्वाज, JMIC सुयाशा जावा , महिंदर सिंह सुल्लर रिटायर्ड जज हाई कोर्ट चंडीगढ़, जैसे अपराधिक मानसिकता वाले, षड्यंत्र रचने वाले जज और हाई कोर्ट चंडीगढ़ में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले जज, दया चौधरी और अनीता चौधरी जैसी षड्यंत्र में शामिल होकर न्याय की हत्या करने वाले जज मौजूद रहेंगे,...............
तब तक इस देश के निर्दोष लोगों का ऐसे ही शोषण होता रहेगा ।.
मेरी और मेरी माता जी की हत्या के लिये , नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल के साथ , हाई कोर्ट के जज भी षड्यंत्र में शामिल हुए.........इसीलिए, जानबूझकर.......
आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
नारनौल का जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंघल , मेरी और मेरी माता जी की हत्या करवाने के षड्यंत्र में पूरी ताकत ( यानिकि तन, मन , धन, कानूनी, गैर कानूनी हथकंडे के साथ ) से जुटा......
हमारी हत्या करवाने के लिए नारनौल के जजों, पुलिस, जेल अधिकारीयों पर दबाब बनाने के साथ 2 हाई कोर्ट के जजों को भी सेट किया ।
मुझे गुप्त सूत्रों से पता चला है कि --
हाई कोर्ट चंडीगढ़ के जिन जजों के पास मेरे केस थे ( दया चौधरी और अनीता चौधरी ) को किसी भी तरह मेरे मुकदमों में , मुझे न्याय न देने का सौदा तय हुआ है।
हाई कोर्ट चंडीगढ़ की जज दया चौधरी की तो नियुक्ति ही गैर कानूनी है और इसके बारे में मुझे काफी कुछ पता चला है , जो हम अभी यहाँ पर नहीं लिख सकते, ......समझदार लोग समझ ही गए होंगे .......
वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि --- इतने स्पष्ट सबूतों के फ़ाइल पर होने, और सारा सच समझ में आ जाने के बावजूद भी ये जज, निचे के जजों को बचाने के लिए , न तो मेरी ट्रान्सफर पेटिशन पर स्टे दिया, न मेरी माता जी के गलत तरीके से जारी किये गए गैर जमानती वारंट को जानबूझकर कैंसल नहीं किया । और न ही मेरी माता जी की परमानेंट exemption की पेटिशन को लेकर कोई निर्णय दिया, जब कि सुप्रीम कोर्ट का ये कहना है कि -- बुजुर्ग, बीमार, विकलांग लोगोँ के मामलों को प्राथमिकता से साथ निपटाया जायेगा, जबकि हमारी एप्लीकेशन को 4 साल से लटका कर रखा है, decide क्यों नहीं .....??? औए हाई कोर्ट की जज अनीता चौधरी भी इस एप्लीकेशन पर आदेश क्यों नहीं दे रही ....??? मतलब स्पष्ट है ,----- भेंट पहुँच गई । वैसे भी हाई कोर्ट के जज कौन से ईमानदार हैं ...... ??? अगर भृष्ट जज को बचा रहे हैं तो इनका कोई तो स्वार्थ तो होगा ही .......???
और हर साल हाई कोर्ट का जज एडमिनिस्ट्रेटिव जज जब अपने जिले में जाता है तो वो 30 लाख से 60 लाख तक रिश्वत लेकर आता है। इसके आलावा जजों के खिलाफ आई शिकायतों पर कार्यवाही नहीं करने की रिश्वत अलग से ....... मिलती है।
नारनौल का जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंघल , मेरी और मेरी माता जी की हत्या करवाने के षड्यंत्र में पूरी ताकत ( यानिकि तन, मन , धन, कानूनी, गैर कानूनी हथकंडे के साथ ) से जुटा......
हमारी हत्या करवाने के लिए नारनौल के जजों, पुलिस, जेल अधिकारीयों पर दबाब बनाने के साथ 2 हाई कोर्ट के जजों को भी सेट किया ।
मुझे गुप्त सूत्रों से पता चला है कि --
हाई कोर्ट चंडीगढ़ के जिन जजों के पास मेरे केस थे ( दया चौधरी और अनीता चौधरी ) को किसी भी तरह मेरे मुकदमों में , मुझे न्याय न देने का सौदा तय हुआ है।
हाई कोर्ट चंडीगढ़ की जज दया चौधरी की तो नियुक्ति ही गैर कानूनी है और इसके बारे में मुझे काफी कुछ पता चला है , जो हम अभी यहाँ पर नहीं लिख सकते, ......समझदार लोग समझ ही गए होंगे .......
वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि --- इतने स्पष्ट सबूतों के फ़ाइल पर होने, और सारा सच समझ में आ जाने के बावजूद भी ये जज, निचे के जजों को बचाने के लिए , न तो मेरी ट्रान्सफर पेटिशन पर स्टे दिया, न मेरी माता जी के गलत तरीके से जारी किये गए गैर जमानती वारंट को जानबूझकर कैंसल नहीं किया । और न ही मेरी माता जी की परमानेंट exemption की पेटिशन को लेकर कोई निर्णय दिया, जब कि सुप्रीम कोर्ट का ये कहना है कि -- बुजुर्ग, बीमार, विकलांग लोगोँ के मामलों को प्राथमिकता से साथ निपटाया जायेगा, जबकि हमारी एप्लीकेशन को 4 साल से लटका कर रखा है, decide क्यों नहीं .....??? औए हाई कोर्ट की जज अनीता चौधरी भी इस एप्लीकेशन पर आदेश क्यों नहीं दे रही ....??? मतलब स्पष्ट है ,----- भेंट पहुँच गई । वैसे भी हाई कोर्ट के जज कौन से ईमानदार हैं ...... ??? अगर भृष्ट जज को बचा रहे हैं तो इनका कोई तो स्वार्थ तो होगा ही .......???
और हर साल हाई कोर्ट का जज एडमिनिस्ट्रेटिव जज जब अपने जिले में जाता है तो वो 30 लाख से 60 लाख तक रिश्वत लेकर आता है। इसके आलावा जजों के खिलाफ आई शिकायतों पर कार्यवाही नहीं करने की रिश्वत अलग से ....... मिलती है।
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